Noun • ossify | Verb • freeze • ossify |
सख्त: backbreaking leather precise solid stern stiff | |
हो: hallo as required under the rules in the | |
हो जाना: becoming treble devenir entail become be in | |
जाना: outgo flit betake going aller obtenir go away | |
सख्त हो जाना in English
[ sakhta ho jana ] sound:
सख्त हो जाना sentence in Hindi
Examples
More: Next- कोमल चेहरे का अचानक सख्त हो जाना....
- ] 1. गुठली की तरह गोल या सख्त हो जाना, जैसे-मांस गुठलाना 2.
- पैरों की चमड़ी का सख्त हो जाना और एड़ियों का फटना जैसी समस्याएँ इस मौसम में आम तौर पर उभरकर सामने आती हैं।
- अगर लोग प्रकृति के प्रकोप से नहीं डरते तो सरकार को इतना सख्त हो जाना चाहिए कि ऐसा गुनाह करते समय लोगों की डर से रूह कांपे।
- पार्किन्संस बीमारी का मुख्य शारीरिक लक्षण है शरीर की गतियों में धीमापन आना, मांसपेशियों का सख्त हो जाना और कई बार हिलना-डुलना और संतुलन का बिगड़ जाना ।
- वक्ष (छाती) से सम्बंधित लक्षण-छाती में ठण्ड सी लगती हुई महसूस होना, गर्दन के ऊपर गांठे निकल आना, स्तनों का सख्त हो जाना, फेफड़ों में से खून आते रहना आदि लक्षणों में रोगी को सिस्टस कैनाडेंसिस औषधि खिलाने से लाभ होता है।
- पीठ से सम्बंधित लक्षण-गर्दन की पेशियों का सख्त हो जाना, गर्दन और रीढ़ की हड्डी से लेकर नीचे की ओर तेज दर्द, पीठ का अकड़ जाना, रीढ़ की हड्डी में नीचे की ओर ठंडक महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को स्ट्रक्नीनम औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
- स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण-मासिकधर्म का समय से बहुत पहले और बहुत ज्यादा मात्रा में आना, त्रिकास्थि (रीढ़ की हड्डी के नीचे का भाग) में दर्द सा होना, आमाशय में जलन होना, स्त्रियों के डिम्बों का सख्त हो जाना, स्त्रियों में मासिकधर्म के समय हांथ-पैरों में तेजी से खिंचाव के साथ दर्द होना आदि लक्षणों में रोगी स्त्री को स्पौजिया टोस्टा औषधि देने से लाभ मिलता है।
- नाक और गले के पीछे के भागों से रेशेदार बलगम का आना, गर्दन की पेशी का सख्त हो जाना, शरीर के जोड़ों का कमजोर हो जाना, भारी वजन को उठा पाना, गठिया का पुराना रोग, जीभ पर सफेद सी परत का जम जाना, पेशाब का रंग गाढ़ा लाल सा होना, कमर में दर्द, नितंबों के जोड़ों में दर्द और कलाइयों में दर्द आदि रोगों के लक्षणों में गेटि्सबर्ग वाटर औषधि बहुत ही अच्छा असर करती है।
- मिल्खा ने विदेशी कोचों के बजाय देश के अनुभवी कोचों को अनुबंध के आधार पर रखने की सलाह देते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हमारे देश में काफ़ी अनुभवी कोच मौजूद हैं जिन्हें अगर करार करके समय दिया जाये तो वे बढिया परिणाम ला सकते हैं.” डोपिंग को रोकने के लिये कदम उठाने के बारे में उन्होंने कहा, “सबसे पहले तो आईओए के अध्यक्ष को सख्त हो जाना चाहिए और उसके अंतर्गत आने जितने भी खेल संघ हैं, उन्हें अपने खिलाडियों पर नजर रखनी चाहिए.